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शनिवार, 17 मई 2014

अच्छे दिन आ सकते है???

इलेक्शन हो गए और अबकी बार मोदी सरकार भी बन गयी।  हमें मोदी जी को बधाई देनी चाहिए, इसलिए नहीं की वो देश के नए प्रधानमंत्री बनने वाले है बल्कि इसलिए क्योंकि उन्होंने एक लॉन्ग टर्म विज़न के साथ एक असंभव सा दिखने वाला काम कर दिखाया है।  १९८४ के बाद इस देश की राजनीति ने बहुत अस्थिरता देखी है। इस देख ने लगातार चुनाव झेले भी है।  श्री अटल बिहारी वाजपाई जी ने एक प्रयास किया था सबको साथ रख कर सरकार चलने का जिसमे वो तो पूरी तरह सफल नहीं हो पाये थे लेकिन उनसे सीख कर कांग्रेस ने ये काम १० सालों तक किया।  मोदी जी ने कांग्रेस के इन १० सालों के शासन को बहुत करीब से देखा है और हमें उनकी सोच की दाद देनी चाहिए की उन्होंने कांग्रेस की गलतियों को बड़ी बारीकी से न सिर्फ समझा साथ ही उनका सही फायदा भी उठाया और इसी के चलते उनकी पहली कोशिश ये थी की बहुमत को भाजपा खुद हासिल करे। आज जब क्षेत्रीय दल अपनी बेजा डिमांड के परेशान करते है ऐसे समय मोदी जी की ये सोच एकदम सही है।
इस बार जो सरकार बनी है उसमे यूपी, राजस्थान, गुजरात, एमपी, छत्तीसगढ़, दिल्ली और उत्तराखंड की महती भूमिका रही है।  इन ७ राज्यों ने भाजपा को १७० के करीब सीट्स दी है। दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान में तो कोई और दल अपना खाता भी नहीं खोल पाया है जो की एक अभूतपूर्व बात है।  अब मोदी जी को दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करना चाहिए ताकि अगले इलेक्शन में वहाँ के क्षेत्रीय दलों का भी सफाया हो जाए और भारत में मजबूत सरकार बनाने का जो रास्ता मोदी ने री-ओपन किया है वो हमेशा खुला ही रहे।
भारत एक बहूत विशाल लोकतंत्र है और क्षेत्रीयता के आधार पर वोट मांगने वालों की यहाँ  भरमार है।  मुझे कभी-कभी बहुत दुःख होता है ये देख कर की कैसे मिली-जुली सरकार में ये दल अपना उल्लू सीधा करते है और वोटर उल्लू बना सब देखता रहता है और फिर अगले इलेक्शन में वही गलती दोहराता है। मोदी जी ने भाजपा को २७२ से ज्यादा सीट्स दिलवाकर ये एक बहुत अच्छा काम किया है।  मुझे उम्मीद है की ये भाजपा सरकार (एनडीए सरकार नहीं ) अच्छा काम करें।  मुझे डर लगता है इनके कुछ साथियों से क्योंकि उनका बौद्धिक स्तर सभी लोग अच्छे से जानते है। अब बस भाजपा को इनके दबाव में न आ कर अच्छा काम करना है ताकि अगले इलेक्शन में इनकी भी जरुरत न पड़े।
कांग्रेस के बारे में बोलना पता नहीं सही है या नहीं क्योंकि उनके हवाई किलों के ध्वस्त होने के बाद भी उनको अक्ल आती है या नहीं ये बता पाना थोड़ा मुश्किल ही है। मैं एमपी का हूँ और अच्छी तरह जानता हूँ की अगर यहाँ के चुनावों में यही के एक नेता की थोड़ी भी दखलंदाज़ी वोटर को दिख जाती है तो यहाँ का वोटर बिदक जाता है और भाजपा को वोट दे देता है। अगर कांग्रेस को वापस आना है एमपी में तो फिर उस नेता की इस प्रदेश में एंट्री बैन करनी होगी नहीं तो शायद अगले १० साल भी कांग्रेस यहाँ नहीं आ सकती है।
 अब कांग्रेस को एक गहरे और वास्तविक आत्ममंथन की जरुरत है।  अगर सही में राहुल जी में उनका भविष्य का प्रधानमंत्री दिखता है तो उन्हें उस दिशा में बहुत  वास्तविक प्रयास अभी से शुरू करने पड़ेंगे।  सबसे  पहले तो राहुल जी को जिम्मेदार बनना पड़ेगा। इस देश के बच्चे को भी समझ आ गया है की कैसे कुछ कांग्रेसी नेतओं ने राहुल जी के आस पास एक भ्रम जाल बना रखा है और वो उनका सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे है।  राहुल जी को ये समझना  पड़ेगा की पहले कांग्रेस ने उनको "युवराज" बनाया तभी मोदी जी ने उनको "शहज़ादा" बनाया।  मोदी जी ने पहले काम किया और दिखाया भी लेकिन आप तो पिछले १० सालों से जिम्मेदारी से भाग रहे थे।  आपके पास मौके थे की आप राजनीति का ककहरा इन १० सालों में सीख सकते थे लेकिन आप तो बस युवराज बने रहे।
राहुल जी को सोचना चाहिए की क्यों जनता आप पर भरोसा नहीं कर पायी। मुझे जो कारण नज़र आ  तो यही है की मनमोहन जी को खुल कर काम नहीं करने दिया गया और सोनिया जी के कन्धों पर बन्दूक रख कर कांग्रेस के कई नेताओं ने उनका शिकार किया।  सारे दल ये बोलते रहे की  मनमोहन जी का जी का रिमोट सोनिया जी के पास है लेकिन असल में वो रिमोट कांग्रेस के कई नेताओं ने सोनिया जी के नाम से इस्तेमाल किया है। अब अगर आपको पीएम बनना है तो भाजपा से सीख लेनी होगी की आप कांग्रेस को सत्ता में नहीं लोगे कांग्रेस को ये एकजुट कोशिश करना पड़ेगी की आपको वो पीएम बनवाए।  आपको एक ऐसी टीम बनानी होगी जो आपके लिए काम करे।  भाजपा के सारे नेता मोदी जी को पीएम बनाने में जुट गए थे और कांग्रेस के सारे नेता आपके भरोसे हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए थे की ये हमको सत्ता दिलवाएगा और आप लगातार जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहे थे।
खैर जो भी हो  अभी तो "अबकी बार मोदी सरकार" और एक आम आदमी (सच्ची वाला ) होने के नाते हम ये उम्मीद करते है कि "अच्छे दिन आ जाये..."

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