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मंगलवार, 15 अप्रैल 2014

Irresponsible or not responsible

लोकसभा चुनाव चल रहे है । देश में अलग-अलग लहरें भी चल रही है । हर दल को उसके नेता की लहर नज़र आ रही है । तरह-तरह के अघोषित प्रायोजित ओपिनियन पोल भी समाचार चैनलों पर आ रहे है । कुल मिला कर हम अभी चुनाव में घिरे हुए है ।
मैंने सोचा की चलो कुछ चुनाव से सम्बन्धित ही खोजे तो मैंने खोजना चालू किया कि आखिर एक सांसद की उसके संसदीय क्षेत्र के प्रति जिम्मेदारियां क्या होती है? जब मैं खोज रहा था तब मुझे लोकसभा की वेबसाइट भी देखने को मिली जिसमे कही पर भी इस बात का कोई जिक्र नहीं था की एक सांसद किन बातों के लिए जिम्मेदार है और ये देख कर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ की लोकसभा भी ये बताने को तैयार नहीं है की उसके सदस्यों की क्या जिम्मेदारियां है । वैसे इस खोज में मुझे टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक खबर जरूर मिल गयी जिसमे लिखा था कि आर टी आई कार्यकर्ता श्री देव आशीष भट्टाचार्य के द्वारा मांगी गयी जानकारी से ये पता चला है कि विधानसभा या संसद सदस्यों की उनके क्षेत्र के प्रति कोई जिम्मेदारियां नहीं होती है ?????????
मैं हर बार वोट देता हूँ और इसे अपनी जिम्मेदारी मानता हूँ लेकिन जब इस तरह की खबरें पढ़ने को मिलती है तो मुझे लगता है की मेरे वोट का कोई अर्थ है क्या, क्योंकि जिसे मैं चुन रहा हूँ वो मेरे प्रति कहीं पर भी लिखित में जिम्मेदार नहीं है । वैसे ऐसा होता भी है, मैं भोपाल संसदीय क्षेत्र में रहता हूँ और मुझे यकीन है की मेरे मौजूदा सांसद मेरे क्षेत्र में कभी नहीं आएं होंगे । आज मैं मौजूदा सांसद या इस चुनाव में खड़े किसी भी प्रत्याशी से मेरे क्षेत्र की बात करने जाओ तो मुझे यकीन है वो मेरे क्षेत्र के बारे में कुछ भी नहीं जानते होंगे ।
जनता को वोट देना चाहिए और ये उसका अधिकार और कर्त्तव्य है फिर चाहे वो विकास के लिए पार्षद से लेकर सांसद के बीच झूलता ही क्यों न रहे । मुझे ये लगता है की पार्षद से लेकर सांसद तक सब की जिम्मेदारियां तय होना चाहिए की आपको इतना और ये काम तो करना ही है नहीं तो आप अगली बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और साथ ही साथ जिस तरह हम कम उपस्तिथी के चलते परीक्षा नहीं दे पाते है वैसे ही जनप्रतिनिधियों की भी उपस्तिथी की गणना होनी चाहिए ।
मैं शायद सपना ही देख रहा हूँ क्योंकि जो मैं चाहता हूँ वो संभव नहीं है और जो ये बोलता है की नहीं ये संभव है वो या तो मुझे मुर्ख समझता है या खुद को मुर्ख साबित करना चाहता है । कोई बिल्ली अपने गले में घंटी नहीं बंधना चाहती है ।